क्यों गणेश जी को दूर्वा चढ़ाई जाती है – इसके पीछे की पौराणिक कथा

गणेश जी को दूर्वा /दूब क्यों चढ़ाई जाती है :

दूर्वा एक तरह की घास होती है जो प्राय बाग़ बगीचों में मिल ही जाती है | यह दूर्वा भगवान् श्री गणेश को बहूत प्यारी है | गणेशजी को दूर्वा चढ़ाना बहूत ही शुभ और लाभकारी माना जाता है | एकमात्र गणेश जी एक ऐसे देवता है जिनके पूजन में यह दूब काम में ली जाती है |

दूर्वा को जड़ सहित तोड़ कर और पवित्र जल से साफ़ करके 21 दूर्वाओ की मिलाकर मोली से गाँठ बाँध दी जाती है और फिर इसे पूजन थाल में रख दिया जाता है |

क्यों गणेश जी को दूर्वा चढ़ाई जाती है - इसके पीछे की पौराणिक कथा ganesh-durva se kyo prasann hote hai

क्यों गणेश जी को दूर्वा चढ़ाई जाती है – इसके पीछे की पौराणिक कथा

अब जाने कहानी की क्यों प्रसन्न होते है गणेश दूर्वा से :

पुराणों में कथा के अनुसार एक समय अनलासुर नाम का एक राक्षक हुआ था। इसके कोप और अत्याचार से सभी जगह त्राही-त्राही मची हुई थी | ऋषि मुनि देवता इंसान पशु पक्षी सभी इसके अत्याचार से दुखी हो चुके थे |

सभी इसके आतंक को रोकने के लिए शिवजी के पास जाकर विनती करते है की हे भोलेनाथ हमें इस निष्ठुर दैत्य से बचा ले | इसके आतंक का अंत जल्द से जल्द करे |

शिवजी उनकी करुणामई विनती सुनकर उन सबसे कहते है की इसका निधान तो सिर्फ गणेश के पास है |

सभी फिर श्री गणेश से अनलासुर का संहार करने की बात करते है तो गजानंद ऐसा करने की हामी भर लेते है |

फिर श्री गणेश और अनलासुर में एक युद्ध होता है जिसमे लम्बोदर उस दैत्य को निगल लेते है | दैत्य को निगलने के बाद गणेश के पेट में तेज जलन होती है | यह जलन असहनीय हो जाती है | देवी देवता ऋषि मुनि सभी उन्हें उपचार में लग जाते है पर उन्हें आराम नही आता |

तब कश्यप ऋषि दूर्वा की 21 गांठ बनाकर श्रीगणेश को खाने को देते है | इसे खाते ही उनके पेट की जलन एकदम से शांत हो जाती है |

श्री गणेश कश्यप ऋषि और उनके द्वारा भेट में दी गयी उस दूर्वा से बहूत प्रसन्न होते है और कहते है की जो भक्त इस तरह मुझे दूर्वा चढ़ाएगा वो मेरी विशेष कृपा का पात्र होगा |

तब से भक्तो द्वारा गणेश जी को पूजन में दूर्वा चढाने की परम्परा चली आ रही है |

गणेश चतुर्थी ग्रीटिंग्स और शुभकामनायें मेसेज

भजन : घर में पधारो गजाननजी मेरे घर में पधारो

श्री गणेश चालीसा Ganesh chalisa

श्री गणेश जी की आरती

मोती डूंगरी गणेश मन्दिर जयपुर

भजन : सुख करता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची

Famous Ganesh Temples Of India


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *